चालीसा

श्री दुर्गा चालीसा पाठ | Durga Chalisa PDF Hindi | durga chalisa lyrics in hindi 2023

Durga Chalisa PDF Hindi : : हम सभी जानते है माँ Durga की पूजा,आरती और चालीसा पढ़ने से बहुत सारे लाभ मिलते हैं। अगर आप भी दुर्गा चालीसा पढ़ना चाहते हैं तो इस पोस्ट में सम्पूर्ण Durga chalisa pdf की जानकारी दी जाएगी। जो आपको PDF और Durga Chalisa का फोटो के साथ साथ Durga Chalisa Lyrics HIndi में नीचे लिंक के साथ दिया जायेगा जिसे आप आसानी से Durga Chalisa pdf download कर सकते हैं।

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PDF Nameमाँ लक्ष्मी चालीसा का पाठ इन हिंदी
भाषाहिंदी
PDF CategoryReligion & Spirituality
TagMAA DURGA Chalisa PDF in Hindi

मां दुर्गा की उत्पत्ति और स्वरूप के बारे में पूरी जानकारी

दुर्गा माता हिंदू धर्म की देवी हैं और वे शक्ति की देवी हैं। वे संसार के रक्षा करने के लिए पूजे जाते हैं और उन्हें महाशक्ति के रूप में जाना जाता है। दुर्गा माता की उपासना नवरात्रि के दौरान की जाती है और वे मां दुर्गा, मां पार्वती या महाकाली के रूप में भी जानी जाती हैं।

दुर्गा माता की छठे से आठवें हाथ में त्रिशूल होता है, जो तीनों लोकों की शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। उनके साथ सिंह भी होता है, जो उनकी शक्ति का प्रतीक है। वे वाहन के रूप में शेर, वाहन के रूप में सिंह या जंबुक उपयोग करती हैं।

दुर्गा माता की कहानियों में उनके साथ अनेक प्रकार के शक्तिशाली वस्तुएँ जुड़ी हुई हैं, जैसे वह अश्वमेध यज्ञ में दक्ष के वध के बाद शिव जी के लिए एक शव से उत्पन्न हुई थीं। उनके चार बाहुएँ होती हैं जो चार युगों का प्रतीक होती हैं। दुर्गा माता को संसार की रक्षा करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है।

दुर्गा माता रूप विवरण

उन्हें बुराई से लड़ने वाली देवी भी कहा जाता है जिन्हें मान्यता है कि वे भक्तों को निराशा और बुराई से दूर रखती हैं। दुर्गा माता के प्रति लोगों की श्रद्धा विशेष होती है और उन्हें उनकी समस्त मनोकामनाएँ पूरी करने में सक्षम माना जाता है।

दुर्गा माता को हिंदू धर्म के अनेक देवी-देवताओं में से एक माना जाता है और उन्हें ब्रह्माण्ड की शक्ति के रूप में समझा जाता है। उन्हें प्रत्येक नवरात्रि पर पूजा जाता है जब हिंदू समाज में आत्मीयता, उत्साह और आनंद का माहौल सृजित किया जाता है।

दुर्गा माता के रूप, गुण, लीला और महिमा का वर्णन हिंदू धर्म की धार्मिक ग्रंथों में किया गया है जैसे कि देवी माहात्म्य, दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा आदि।

दुर्गा माता की रूप-रंग बहुत विविध होते हैं। उनके नौ रूपों के नाम हैं: शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री।

दुर्गा माता के सम्पूर्ण रूपों में उनकी चाबी शक्ति, साहस, संयम और उद्धार की प्रतीक होती है। वे महिषासुर, शुंभ और निशुंभ, रक्तबीज जैसे दुष्ट शक्तियों के साथ लड़ती हैं और अपनी शक्ति के आधार पर उन्हें नष्ट करती हैं।

दुर्गा माता का चारों ओर समस्त भक्तों के लिए प्रेम और करुणा से भरा हुआ होता है। उनकी मूर्तियां एक शांत एवं दयालु रूप दर्शाती हैं जो हर किसी को आकर्षित करते हैं।

इस तरह, दुर्गा माता हिंदू धर्म में एक बहुत ही महत्वपूर्ण देवी हैं जो सभी दुष्ट शक्तियों से लड़ती हैं और भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करती हैं।

श्री दुर्गा चालीसा | Durga chalisa lyrics in hindi with image and PDF | durga chalisa in hindi

नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो अंबे दुःख हरनी॥
निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूं लोक फैली उजियारी॥
शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥
रूप मातु को अधिक सुहावे। दरश करत जन अति सुख पावे॥
अन्नपूर्णा हुई जग पाला। तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥
प्रलयकाल सब नाशन हारी। तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें। ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥
धरयो रूप नरसिंह को अम्बा। परगट भई फाड़कर खम्बा॥
रक्षा करि प्रह्लाद बचायो। हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं। श्री नारायण अंग समाहीं॥
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी। महिमा अमित न जात बखानी॥
मातंगी अरु धूमावति माता। भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥
श्री भैरव तारा जग तारिणी। छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥
कर में खप्पर खड्ग विराजै। जाको देख काल डर भाजै॥
सोहै अस्त्र और त्रिशूला। जाते उठत शत्रु हिय शूला॥
नगरकोट में तुम्हीं विराजत। तिहुँलोक में डंका बाजत॥
महिषासुर नृप अति अभिमानी। जेहि अघ भार मही अकुलानी॥
रूप कराल कालिका धारा। सेन सहित तुम तिहि संहारा॥
परी गाढ़ सन्तन पर जब जब। भई सहाय मातु तुम तब तब॥
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी। तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥
प्रेम भक्ति से जो यश गावें। दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई। जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई॥
शंकर अचरज तप कीनो। काम क्रोध जीति सब लीनो॥
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को। काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥
शक्ति रूप का मरम न पायो। शक्ति गई तब मन पछितायो॥
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा। दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥
मोको मातु कष्ट अति घेरो। तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥
आशा तृष्णा निपट सतावें। रिपु मुरख मोही डरपावे॥
करो कृपा हे मातु दयाला। ऋद्धि-सिद्धि दै करहु निहाला।
जब लगि जियऊं दया फल पाऊं। तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं॥
श्री दुर्गा चालीसा जो कोई गावै। सब सुख भोग परमपद पावै॥

॥ इति श्री दुर्गा चालीसा सम्पूर्ण ॥

दुर्गा सप्तशती के अनुसार माँ दुर्गा के 108 नाम

  1. सती : अग्नि में जल कर भी जीवित होने वाली
  2. साध्वी : आशावादी
  3. भवप्रीता : भगवान् शिव पर प्रीति रखने वाली
  4. भवानी : ब्रह्मांड की निवास
  5. भवमोचनी : संसार बंधनों से मुक्त करने वाली
  6. आर्या : देवी
  7. दुर्गा : अपराजेय
  8. जया : विजयी
  9. आद्या : शुरूआत की वास्तविकता
  10. त्रिनेत्र : तीन आँखों वाली
  11. शूलधारिणी : शूल धारण करने वाली
  12. पिनाकधारिणी : शिव का त्रिशूल धारण करने वाली
  13. चित्रा : सुरम्य, सुन्दर
  14. चंद्रघण्टा : प्रचण्ड स्वर से घण्टा नाद करने वाली, घंटे की आवाज निकालने वाली
  15. महातपा : भारी तपस्या करने वाली
  16. मन : मनन- शक्ति
  17. बुद्धि : सर्वज्ञाता
  18. अहंकारा : अभिमान करने वाली
  19. चित्तरूपा : वह जो सोच की अवस्था में है
  20. चिता : मृत्युशय्या
  21. चिति : चेतना
  22. सर्वमन्त्रमयी : सभी मंत्रों का ज्ञान रखने वाली
  23. सत्ता : सत्-स्वरूपा, जो सब से ऊपर है
  24. सत्यानन्दस्वरूपिणी : अनन्त आनंद का रूप
  25. अनन्ता : जिनके स्वरूप का कहीं अन्त नहीं
  26. भाविनी : सबको उत्पन्न करने वाली, खूबसूरत औरत
  27. भाव्या : भावना एवं ध्यान करने योग्य
  28. भव्या : कल्याणरूपा, भव्यता के साथ
  29. अभव्या : जिससे बढ़कर भव्य कुछ नहीं
  30. सदागति : हमेशा गति में, मोक्ष दान
  31. शाम्भवी : शिवप्रिया, शंभू की पत्नी
  32. देवमाता : देवगण की माता
  33. चिन्ता : चिन्ता
  34. रत्नप्रिया : गहने से प्यार
  35. सर्वविद्या : ज्ञान का निवास
  36. दक्षकन्या : दक्ष की बेटी
  37. दक्षयज्ञविनाशिनी : दक्ष के यज्ञ को रोकने वाली
  38. अपर्णा : तपस्या के समय पत्ते को भी न खाने वाली
  39. अनेकवर्णा : अनेक रंगों वाली
  40. पाटला : लाल रंग वाली
  41. पाटलावती : गुलाब के फूल या लाल परिधान या फूल धारण करने वाली
  42. पट्टाम्बरपरीधाना : रेशमी वस्त्र पहनने वाली
  43. कलामंजीरारंजिनी : पायल को धारण करके प्रसन्न रहने वाली
  44. अमेय : जिसकी कोई सीमा नहीं
  45. विक्रमा : असीम पराक्रमी
  46. क्रूरा : दैत्यों के प्रति कठोर
  47. सुन्दरी : सुंदर रूप वाली
  48. सुरसुन्दरी : अत्यंत सुंदर
  49. वनदुर्गा : जंगलों की देवी, बनशंकरी अथवा शाकम्भरी
  50. मातंगी : मतंगा की देवी
  51. मातंगमुनिपूजिता : बाबा मतंगा द्वारा पूजनीय
  52. ब्राह्मी : भगवान ब्रह्मा की शक्ति
  53. माहेश्वरी : प्रभु शिव की शक्ति
  54. इंद्री : इन्द्र की शक्ति
  55. कौमारी : किशोरी
  56. वैष्णवी : अजेय
  57. चामुण्डा : चंड और मुंड का नाश करने वाली
  58. वाराही : वराह पर सवार होने वाली
  59. लक्ष्मी : सौभाग्य की देवी
  60. पुरुषाकृति : वह जो पुरुष धारण कर ले
  61. विमिलौत्त्कार्शिनी : आनन्द प्रदान करने वाली
  62. ज्ञाना : ज्ञान से भरी हुई
  63. क्रिया : हर कार्य में होने वाली
  64. नित्या : अनन्त
  65. बुद्धिदा : ज्ञान देने वाली
  66. बहुला : विभिन्न रूपों वाली
  67. बहुलप्रेमा : सर्व प्रिय
  68. सर्ववाहनवाहना : सभी वाहन पर विराजमान होने वाली
  69. निशुम्भशुम्भहननी : शुम्भ, निशुम्भ का वध करने वाली
  70. महिषासुरमर्दिनि : महिषासुर का वध करने वाली
  71. मधुकैटभहंत्री : मधु व कैटभ का नाश करने वाली
  72. चण्डमुण्ड विनाशिनि : चंड और मुंड का नाश करने वाली
  73. सर्वासुरविनाशा : सभी राक्षसों का नाश करने वाली
  74. सर्वदानवघातिनी : संहार के लिए शक्ति रखने वाली
  75. सर्वशास्त्रमयी : सभी सिद्धांतों में निपुण
  76. सत्या : सच्चाई
  77. सर्वास्त्रधारिणी : सभी हथियारों को धारण करने वाली
  78. अनेकशस्त्रहस्ता : हाथों में कई हथियार धारण करने वाली
  79. अनेकास्त्रधारिणी : अनेक हथियारों को धारण करने वाली
  80. कुमारी : सुंदर किशोरी
  81. एककन्या : कन्या
  82. कैशोरी : जवान लड़की
  83. युवती : नारी
  84. यति : तपस्वी
  85. अप्रौढा : जो कभी पुराना ना हो
  86. प्रौढा : जो पुराना है
  87. वृद्धमाता : शिथिल
  88. बलप्रदा : शक्ति देने वाली
  89. महोदरी : ब्रह्मांड को संभालने वाली
  90. मुक्तकेशी : खुले बाल वाली
  91. घोररूपा : एक भयंकर दृष्टिकोण वाली
  92. महाबला : अपार शक्ति वाली
  93. अग्निज्वाला : मार्मिक आग की तरह
  94. रौद्रमुखी : विध्वंसक रुद्र की तरह भयंकर चेहरा
  95. कालरात्रि : काले रंग वाली
  96. तपस्विनी : तपस्या में लगे हुए
  97. नारायणी : भगवान नारायण की विनाशकारी रूप
  98. भद्रकाली : काली का भयंकर रूप
  99. विष्णुमाया : भगवान विष्णु की माया
  100. जलोदरी : ब्रह्मांड में निवास करने वाली
  101. शिवदूती : भगवान शिव की राजदूत
  102. करली : हिंसक
  103. अनन्ता : विनाश रहित
  104. परमेश्वरी : प्रथम देवी
  105. कात्यायनी : ऋषि कात्यायन द्वारा पूजनीय
  106. सावित्री : सूर्य की बेटी
  107. प्रत्यक्षा : वास्तविक
  108. ब्रह्मवादिनी : वर्तमान में हर जगह वास करने वाली

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निष्कर्ष (Conclusion )

आज इस पोस्ट में आपको Durga Chalisa PDF | Durga chalisa PDF free download के बारे में पूरी जानकारी दी गयी है। इसके अलावे Durga chalisa lyrics in hindi with image and pdf भी आप आसानी से डाउनलोड कर सके हैं।

दुर्गा जी का पाठ हिंदी में

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