भैरव चालीसा | भैरव बाबा का चालीसा | Bhairav Chalisa pdf Download 2023
Bhairav Chalisa Pdf : हम सभी जानते है Bhairav की पूजा,आरती और चालीसा पढ़ने से बहुत सारे लाभ मिलते हैं। अगर आप भी भैरव चालीसा पढ़ना चाहते हैं तो इस पोस्ट में सम्पूर्ण Bhairav chalisa pdf की जानकारी दी जाएगी। जो आपको PDF और Bhairav Chalisa का फोटो के साथ साथ Bhairav Chalisa Lyrics HIndi में नीचे लिंक के साथ दिया जायेगा जिसे आप आसानी से Laxmi Chalisa pdf download कर सकते हैं।
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भैरव चालीसा pdf | नाकोड़ा भैरव चालीसा |
PDF Name | भैरव चालीसा का पाठ इन हिंदी(Bhairav Chalisa) |
भाषा | हिंदी |
PDF Category | Religion & Spirituality |
Tag | Bhairav babaChalisa PDF in Hindi |
भैरव चालीसा उल्लेख – Bhairav Chalisa
भैरव बाबा भारतीय हिंदू धर्म में एक प्रसिद्ध देवता हैं। वे शिव के एक रूप हैं और हिंदू तंत्र शास्त्र में उल्लिखित हैं। भैरव बाबा के कुछ नाम हैं, जैसे कि भैरो, कालभैरव, रुद्रभैरव, असितांग भैरव आदि। वे त्रिकालज्ञ हैं, अर्थात् वे भूतकाल, वर्तमानकाल और भविष्यकाल के ज्ञानी हैं।
भैरव बाबा की पूजा कई लोग करते हैं और वे उनके जीवन में शुभता लाने की उम्मीद रखते हैं। उनकी पूजा के लिए कुछ विशेष सामग्री होती है, जैसे कि बाबा के मूर्ति, जोतिष्मती अगरबत्ती, काला तिल, शेषनाग का चालीसा आदि। भैरव बाबा की विशेष पूजा चैत्र माह में की जाती है और विशेष रूप से अमावस्या के दिन की जाती है।
भैरव बाबा को सभी धर्मों के लोगों द्वारा सम्मान दिया जाता है। भारत के कई हिस्सों में उनके मंदिर हैं, जैसे कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार आदि।
उनके मंदिर में दिन भर भक्तों लोग उनकी उपासना करते रहते हैं और उन्हें अपनी समस्याओं का समाधान ढूंढने में मदद मिलती है। भैरव बाबा के कुछ मंदिर ऐसे भी होते हैं, जहां बड़ी संख्या में लोग उनकी पूजा करते हैं। भारत में उनके सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में शांतिपूर्ण मंदिर (राजस्थान), भैरवनाथ मंदिर (उत्तर प्रदेश), कालभैरव मंदिर (उत्तराखंड) और काली मंदिर (कोलकाता) शामिल हैं।
भैरव बाबा के कुछ प्रसिद्ध मंत्र हैं –
भैरव बाबा की कुछ चरित्रित गुणों में उनकी अद्भुत शक्ति, असंभव कार्यों को संभव बनाने में मदद करने की क्षमता, साधुओं एवं संतों के साथ सहज संबंध, विनाशकारी शक्तियों के खिलाफ संरक्षण और वशीकरण शक्तियों का अधिक उपयोग है।
अंततः, भैरव बाबा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता हैं। उनकी पूजा करने से मनुष्य को आत्मिक शक्ति मिलती है और उनकी कृपा से उनके जीवन में समृद्धि आती है।
भैरव बाबा की पूजा का विधान और उनकी विभिन्न साधनाएं भी होती हैं। उन्हें तंत्र शास्त्र में बहुत महत्व दिया जाता है और उनकी पूजा करने के लिए तंत्रों का उपयोग किया जाता है। भैरव बाबा की पूजा करने के लिए कुछ उपयोगी साधन होते हैं जैसे कि भैरव जाप माला, भैरव यंत्र, भैरव मंत्र आदि।
भैरव बाबा की पूजा करने से उनके भक्तों को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। उनकी कृपा से मनुष्य के जीवन में सुख, समृद्धि, संतुलन, सफलता आती है। उनकी पूजा करने से भय, अशांति और नकारात्मकता कम होती है। इसके अलावा, भैरव बाबा की पूजा से संतान सुख, रोग निवारण, नवग्रहों की दशा में उपाय आदि भी मिलते हैं।
भैरव बाबा की पूजा करने के लिए अनेक मंत्र होते हैं। इन मंत्रों का उच्चारण करने से भैरव बाबा की कृपा मिलती है। भैरव बाबा के कुछ प्रसिद्ध मंत्र हैं – “ॐ बटुकाय विद्महे महाकालाय धीमहि तन्नो बटुका प्रचोदयात्।”
भैरव चालीसा डाउनलोड | Bhairav baba chalisa lyrics in hindi with image and pdf | Bhairav baba chalisa in hindi
दोहा
श्री गणपति गुरु गौरी पद प्रेम सहित धरि माथ।
चालीसा वंदन करो श्री शिव भैरवनाथ॥
श्री भैरव संकट हरण मंगल करण कृपाल।
श्याम वरण विकराल वपु लोचन लाल विशाल॥
जय जय श्री काली के लाला। जयति जयति काशी- कुतवाला॥
जयति बटुक- भैरव भय हारी। जयति काल- भैरव बलकारी॥
जयति नाथ- भैरव विख्याता। जयति सर्व- भैरव सुखदाता॥
भैरव रूप कियो शिव धारण। भव के भार उतारण कारण॥
भैरव रव सुनि हवै भय दूरी। सब विधि होय कामना पूरी॥
शेष महेश आदि गुण गायो। काशी- कोतवाल कहलायो॥
जटा जूट शिर चंद्र विराजत। बाला मुकुट बिजायठ साजत॥
कटि करधनी घुंघरू बाजत। दर्शन करत सकल भय भाजत॥
जीवन दान दास को दीन्ह्यो। कीन्ह्यो कृपा नाथ तब चीन्ह्यो॥
वसि रसना बनि सारद- काली। दीन्ह्यो वर राख्यो मम लाली॥
धन्य धन्य भैरव भय भंजन। जय मनरंजन खल दल भंजन॥
कर त्रिशूल डमरू शुचि कोड़ा। कृपा कटाक्ष सुयश नहिं थोडा॥
जो भैरव निर्भय गुण गावत। अष्टसिद्धि नव निधि फल पावत॥
रूप विशाल कठिन दुख मोचन। क्रोध कराल लाल दुहुं लोचन॥
अगणित भूत प्रेत संग डोलत। बम बम बम शिव बम बम बोलत॥
रुद्रकाय काली के लाला। महा कालहू के हो काला॥
बटुक नाथ हो काल गंभीरा। श्वेत रक्त अरु श्याम शरीरा॥
करत नीनहूं रूप प्रकाशा। भरत सुभक्तन कहं शुभ आशा॥
रत्न जड़ित कंचन सिंहासन। व्याघ्र चर्म शुचि नर्म सुआनन॥
तुमहि जाइ काशिहिं जन ध्यावहिं। विश्वनाथ कहं दर्शन पावहिं॥
जय प्रभु संहारक सुनन्द जय। जय उन्नत हर उमा नन्द जय॥
भीम त्रिलोचन स्वान साथ जय। वैजनाथ श्री जगतनाथ जय॥
महा भीम भीषण शरीर जय। रुद्र त्रयम्बक धीर वीर जय॥
अश्वनाथ जय प्रेतनाथ जय। स्वानारुढ़ सयचंद्र नाथ जय॥
निमिष दिगंबर चक्रनाथ जय। गहत अनाथन नाथ हाथ जय॥
त्रेशलेश भूतेश चंद्र जय। क्रोध वत्स अमरेश नन्द जय॥
श्री वामन नकुलेश चण्ड जय। कृत्याऊ कीरति प्रचण्ड जय॥
रुद्र बटुक क्रोधेश कालधर। चक्र तुण्ड दश पाणिव्याल धर॥
करि मद पान शम्भु गुणगावत। चौंसठ योगिन संग नचावत॥
करत कृपा जन पर बहु ढंगा। काशी कोतवाल अड़बंगा॥
देयं काल भैरव जब सोटा। नसै पाप मोटा से मोटा॥
जनकर निर्मल होय शरीरा। मिटै सकल संकट भव पीरा॥
श्री भैरव भूतों के राजा। बाधा हरत करत शुभ काजा॥
ऐलादी के दुख निवारयो। सदा कृपाकरि काज सम्हारयो॥
सुन्दर दास सहित अनुरागा। श्री दुर्वासा निकट प्रयागा॥
श्री भैरव जी की जय लेख्यो। सकल कामना पूरण देख्यो॥
दोहा
जय जय जय भैरव बटुक स्वामी संकट टार।
कृपा दास पर कीजिए शंकर के अवतार॥
भैरव चालीसा के लाभ
Bhairav Chalisa भैरव बाबा की पूजा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। भैरव चालीसा के उच्चारण से भक्तों को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। कुछ महत्वपूर्ण लाभों के बारे में निम्नलिखित हैं –
- शांति और सुख – भैरव चालीसा के उच्चारण से मनुष्य को शांति और सुख की प्राप्ति होती है। भैरव बाबा की कृपा से वे सभी कष्टों से मुक्त हो जाते हैं और उन्हें जीवन में अधिक सुख और समृद्धि मिलती है।
- संतान की प्राप्ति – भैरव चालीसा के उच्चारण से जो व्यक्ति संतान की इच्छा रखता है, उन्हें इस दिशा में लाभ प्राप्त होता है।
- नवग्रहों की शांति – भैरव चालीसा के उच्चारण से नवग्रहों की दशा में भी उपाय होते हैं। जिससे जातक की दशा में उसकी परेशानियां कम होती हैं और उन्हें सुख-समृद्धि मिलती है।
- निरोगी जीवन – भैरव चालीसा के उच्चारण से रोग निवारण होता है और व्यक्ति को निरोगी जीवन मिलता है।
- शत्रु नाश – भैरव चालीसा के उच्चारण से शत्रुओं का नाश होता है और उनसे सुरक्षा मिलती है।
- मनोवांछित फलों की प्राप्ति – Bhairav Chalisa के उच्चारण से जो व्यक्ति मनोवांछित फल प्राप्त करना चाहता है, उसे उसकी इच्छाओं की पूर्ति होती है।
- सुख-शांति के लिए ध्यान – भैरव चालीसा के उच्चारण से मनुष्य अपने मन को शांत रखता है और अपनी आत्मा को शुद्ध करता है। इससे उन्हें सुख-शांति का आनंद मिलता है।
- दुर्भाग्य और निराशा से मुक्ति – Bhairav Chalisa के उच्चारण से मनुष्य दुर्भाग्य और निराशा से मुक्त होता है।
इन सभी लाभों के अलावा भैरव चालीसा का उच्चारण मनोकामनाओं की पूर्ति में भी मददगार होता है। Bhairav Chalisa को नियमित रूप से उच्चारण करने से भक्त के जीवन में सुख, समृद्धि, शांति और खुशी का महसूस होता है।
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